
अपने कथित मुहबोले छोटे भैय्या अमर सिंह कि कारगुजारियो से क्षुब्द होकर जिस तरह समाजवादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह को दूध में से मक्खी हटाने जैसा व्यवहार किया तो हिंदी फिल्मो के मसीहा अमिताभ बच्चन को कांग्रेस रुपी राजनैतिक चुनौती का मुकाबला करने की कोई राह ना दिखाए देने पर अब फिलहाल केंद्र के परिद्रश्य में कांग्रेस के एकमात्र विकल्प वाले भारतीय जनता पार्टी से गलबाहे करना ही अपने लिए मुनासिब समझा. सबसे पहले भगवा ब्रिगेड के अग्रणी और दक्षिणपंथी धारा के सबसे बड़े नायक और मुस्लिमो में भय का पर्याय नरेन्द्र मोदी के प्रदेश गुजरात में पर्यटन दूत बनना स्वीकार . देश ही नहीं दुनिया भर में विरोध के बावजूद अमिताभ ने इसको केवल व्यवसायिक गतिविधि बता कर जतला दिया कि वो अपने कदम से पीछे हटने वाले है नहीं ,चौतरफे विरोध के बावजूद उन्होंने डंके की चोट पर गुजरात के लिए उसके पर्यटन विकास हेतु अपने अभिनय से लबरेज़ विभिन्न विज्ञापनों को शूट किया . अमिताभ के इस प्रयास से अभिभूत होकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी बिग बी के लिए तारीफों के पूल बाँधने का सिलसिला शुरू किया . नरेंद्र मोदी के लिए 'पा' फिल्म के विशेष प्रदर्शन के मौके पर गांधीनगर आए अमिताभ ने गुजरात के ब्रैंड ऐंबैसडर बनने की इच्छा जाहिर की थी। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा था, 'मैं गुजरात के लिए अपनी आवाज और चेहरा दिखाना पसंद करूंगा।' अब अमिताभ बच्चन और भाजपा के बढ़ते हुए संबंधो को नए आयाम में ले जाने का काम मध्य प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे है , जी हां मध्य प्रदेश में इस किसान पुत्र बेटे की जनता के बीच हैसियत माननीय की ही है । मध्य भारत की जीवन दायिनी नदी नर्मदा के लिए शुरू किये गए समग्र नर्मदा आन्दोलान के सूत्रधार और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल मादव दवे ने बिग बी के भाजपा के बढती हुयी निकटता को नर्मदा गान के लिए उनके आवाज़ और मध्य प्रदेश के जंगलो से गायब होते बाघों को बचाने की पहल से जोड़ा है .
1984 में अमिताभ ने अभिनय रिटायर लेकर अपने पुराने मित्र राजीव गांधी के साथ राजनीति में कूद पड़े। इलाहाबाद लोकसभा से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एच एन बहुगुणा को रिकार्डतोड़ मतों से हराकर दिल्ली में संसद कि सीढ़िया चढ़ी लेकिन कुछ समय के लिए सत्ता सुख का आनंद पाने के बाद राजीव गाँधी और अमिताभ का नाम बोफोर्स काण्ड में फंसा जिस कारण अमिताभ ने अपने को राजनीति से दूर कर लिया . बाद में बोफोर्स काण्ड में नाम आने के कारण अमिताभ ने अदालत की शरण ली और अपने को इस कीचड से पाकसाफ निकाला . वापस अभिनय की दुनिया में आने के बाद फिल्मो में असफल होने के कारण बिग बी ने मनोरंजन उद्योग पर शिकंजा कसने की तैयारी कि , परन्तु इसमें भी असफल होकर वो क़र्ज़ के महाजाल में फंसकर रह गए इसके बाद अमर सिंह से नजदीकी बढ़ने के साथ राजनैतिक पाटी समाजवादी पार्टी को सहयोग देना शुरू कर दिया। जया बच्चन ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली और राज्य सभा की सदस्या बन गई। अमिताभ बच्चन ने समाजवादी पार्टी के लिए अपना समर्थन देना जारी रखा जिसमें राजनैतिक अभियान यानि प्रचार प्रसार करना शामिल था।अब समाजवादी पार्टी से दूर होने के बाद अमिताभ ने अपनी नयी राजनैतिक शरण के लिए भाजपा की ओर धीरे धीरे कदमताल बढ़ाने शुरू कर दिए है अब देखना है कि अमिताभ और भाजपा का यह दोस्ताना महज़ व्यवसायिक है या इसमें भी कोई राजनैतिक गुण अर्थ छिपे है .
बिग बी सुनाएंगे नर्मदा की कहानी
आने वाले दिनों में आप भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज में मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी की गाथा सुन सकेंगे। नर्मदा की गाथा को अपनी आवाज देने पर बच्चन ने सहमति जताई है। नर्मदा मध्य प्रदेश की प्रमुख नदी है और इस पर कई परियोजनाएं बनी हैं जो राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। इसके बावजूद इस नदी पर प्रदूषण का खतरा भी बना हुआ है।भाजपा के राज्यसभा सदस्य और नर्मदा संरक्षण अभियान के कार्यकर्ता अनिल माधव दवे ने बताया कि अमिताभ बच्चन से उन्होने मुम्बई में मुलाकात की। इसके बाद बच्चन ने नर्मदा की गाथा को अपनी आवाज देने की हामी भर दी है। इस मौके पर जया बच्चन भी मौजूद थीं। नर्मदा की गाथा पर केंद्रित ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन सूत्रधार (एंकर) होंगे। इस कार्यक्रम को तैयार करने की कार्ययोजना जल्द ही बनेगी। इस कार्यक्रम में संगीत किसका होगा, इस पर विचार हो रहा है। उन्होने बताया कि इस योजना को कार्यरूप देने में छह माह लग सकते हैं।
बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु हैसाथ ही यह बहुत ही खूबसूरत प्राणी है। उसे जीने दो, उसे भी जीने का हक है। यह कहते हुए शंहशाह अमिताभ बच्चन ने मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में एक निजी टीवी चैनल द्वारा आयोजित बाघ बचाओ अभियान में भाग लिया। इस मौके पर बिग बी ने देश में तेजी से विलुप्त हो रहे बाघों के संरक्षण के लिए धन एकत्रित करने के लिए अपनी निजी वस्तुओं की नीलामी की। इस अभियान में भाग लेने के बाद अमिताभ ने अपने मनोभावों को अपने ब्लॉग पर व्यक्त करते हुए कहा सेव आवर टाइगर अभियान से जुड़कर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूँ। अमिताभ ने बताया कि इस महान काम के लिए लगातार 12 घंटे टीवी पर काम करके धन इकट्ठा किया। इस अभियान के लिए करीब पांच करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए। बिग बी ने कहा, मैंने इस दौरान हुई नीलामी के लिए दो पसंदीदा चश्मे और एक घड़ी दी थी। इसमें एक चश्मा सवा लाख, दूसरा 70 हजार और घड़ी सात लाख बीस हजार रुपये में नीलाम हुई। यह सब इस सुंदर जीव को बचाने के लिए है। इस पूरे अभियान में अमिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन भी उनके साथ थे।

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