क्या बात है दुनिया भर की खुशियों मानो अरुंधती राय को मिल गयी हो कभी पुस्तकों की दुनिया में सिमटी अरुंधती राय अब समाजसेवा के नाम पर देश तोड़ने की बात कर रही है . आखिर इस अति सुसंस्कृत बाला को क्या हो गया ? जम्मू और कश्मीर के गंभीर विषय पर बोल भर देने से कैसे मशहूरियत बटोरी जा सकती है गर सीखना हो तो इन महिला से सीखिए . सीमा पर भारत के लिए मात्र एक जज्बे के चलते मर मिटने वाले शहीद सैनिको के उस उम्मीद को कि भारत अखंड रहे की कीमत क्या इस महिला के बुद्धिजीवता के आगे बौनी है ? अरुंधती राय ने कश्मीर के शैतानो सरीखे हुर्रियत के मंच से जिस प्रकार भारत के प्रति अपनी आस्था दिखानी उस पर ज़रा गौर फरमाईये -" कश्मीर को अब इस भूखे -नंगे हिन्दुस्तान से आजादी चाहिए क्यूंकि भारत भी अब कश्मीर से आजादी चाहता है ".ऐसा बोलकर खुद अरुंधती राय जतला रही है कि उनका भारत के प्रति दृष्टिकोण किस प्रकार है और रही बात भारत के तरफ से कश्मीर से मुक्ति वाला बयान तो अरुंधती कोइ भारत सरकार की प्रवक्ता नहीं है ,साथ ही यह भी कहकर की कश्मीर कभी भारत का अंग नहीं रहा है उन्होंने अपने लिए देशद्रोह के तमाम उन सीमायों के जड़ में आकर खुद को हिन्दुस्तान का गुनाहगार बना लिया .
यदि अदालती कार्यवाही होती है तो चतुर अरुंधती को पता है कि पकिस्तान और ब्रिटेन के कई कट्टर मुस्लिमो का सहानुभूति सहयोग उसको मिलेगा इसलिए हो सकता है खुद वो आगे भी अपने बयान को बलवती कर अपने "सुनहरे भविष्य" को चरितार्थ करे. भारत सरकार को अब इस मुद्दे पर कड़े कदम लेने होंगे क्यूंकि अतीत में भीं विश्व विख्यात चार्ली चापलिन को भी अमेरिकन सरकार ने केवल शक के आधार पर कि चार्ली की आस्था अमेरिकन संघ के प्रति सही नहीं है को देशनिकाला दे दिया. कमोबश ऐसी ही स्थिति यहाँ भी उत्पन्न हो रही है अब पाला भारत सरकार के पास है कि वो इस पूरे मामले पर कैसे सफलता पूर्वक निपट पाता है क्यूंकि पूरे मामले को यदि भारत बेहद कठोरता से निपटने की कोशिश करता है तो अरुंधती राय आज़ाद कश्मीर के लिए हुर्रियत और अलगाववादियों के लिए ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर ना पेश हो जाए .
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कही अरुंधती को "लेडी गांधी " तो नहीं बनना?
Posted by VEER GORKHA NEWS NETWORK on 12:59 AM // 2 comments
इसमें गाँधी जी कहाँ से आगये आपने तो उस से बड़ा पाप किया है इसके साथ गाँधी जी का नाम जोड़ कर , तुम पर भी देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए
dabirnews.blogspot.com
तौसिफ जी दरअसल मैंने यहाँ पर पूरे लेख में लिखा है कि अरूंधती राय गांधी बनने की कोशिश कर रही है अर्थार्त जम्मू कश्मीर के लोगो की मसीहा बनना चाह रही है यह लेडी और मुझे इसमें कुछ भी गलत नज़र नहीं आ रहा है रही देशद्रोह का मुकदमा चलाने और चलवाने की वो देश के संविधान द्वारा निहित न्यायपालिका का अधिकार क्षेत्र है आप और मै इस विषय में केवल अपना मत रख सकते है निर्णय करना न्यायपालिका का कार्य है । आपकी यथार्थवादी टिपण्णी के लिए धन्यवाद एवं आपके शानदार ब्लॉग के लिए भी शुभकामना .